मंत्री न होने का गम
मंत्री होने के बाद मंत्री न होने की कल्पना मंत्री जी नहीं कर सकते है क्योंकि मंत्री न रहने पर सबसे पहले लाल बत्ती वाली गाड़ी चली जाती है। उसके बाद आस पास ब्रेक डांस करते ब्लैक कैट कमांडो चले जाते हैं। सुरक्षा गार्डो से मंत्री जी के पहुंचने के पहले मंत्री जी का जलवा खिच जाता था चारों तरफ घेरकर चलते कमांडो पुराने राजा-महाराजाओं की याद दिलाकर मंत्री जी की छवि में चार चांद लगा देते थे। वह रौनक मंत्री न रहने पर गधे के सींग की तरह गायब हो जाती है।
मंत्री न रहने के बाद घर पर मिलने वालों की भीड़ खत्म हो जाती है। इक्का-दुक्का मुलाकाती शुरू में हार का भेद भेदने आते हैं उसके बाद वो भी आना बंद कर देते हैं। सुरक्षा कर्मियों का काफिला घटकर एक दो चैकीदार का रूप ले लेता है। मंत्राईन को खुद खाना बनाना पड़ता है। निवास के लिए मिला महलनुमा आलीशान बंगला एक फ्लेट का रूप ले लेता है। नहाना, खाना, पखाना के उक्त अलग अलग कई कमरे गायब हो जाते है। गाड़ी मारूती 800 का रूप ले लेती है।
देश की गरीब जनता के कल्याण के नाम पर होने वाली बड़ी बड़ी शानदार भव्य पाटियाॅ जिनमें मेहमानों की संख्या से ज्यादा प्रकार की साग सब्जी, तरकारी परोसी जाती है और केवल एक-एक निवाला चखा जाता था सब सपनों की बातें हो जाती है।
मंत्रीत्व के दौरान सरकारी पैसों से देशी बीमारी का इलाज विदेशों में कराया जाता है। मंत्री न रहने के नाम देशी डाॅक्टर से ही सैम्पल की दवाएॅं लेकर काम चलाना पड़ता है। ऐजंडे में देश कल्याण के नाम पर जबरदस्ती विदेश यात्राएॅ अवलोकनार्थ जोड़ी जाती थी और फिर जनता के पैसों से विदेश के चरण चूमे जाते थे। लेकिन मंत्री बनने के बाद पड़ोस के गांव की यात्रा भी अपने पैसों से करना संभव नहीं होता है। सरकारी पैसे पर गोवा में फाईव स्टार होटल में कुनबे सहित ऐश करना और रूकने की बात हवा हो जाती है।
व्यक्ति मंत्री बनते ही लो प्रोफाईल से एकदम हाई प्रोफाईल हो जाता है और मंत्री पद जाते ही वह किसी प्रोफाईल में फिट नहीं बैठता है। उसका जी हमेशा कुर्सी की तलाश में भटकता रहता है।
इस प्रकार मंत्री पद जाते ही जेड प्लस सुरक्षा, ब्लेक कैट कमांडो, मुलाकातियों की भीड़, लालबत्ती की रौनक, महलनुमान मकान, आलीशान डाईंग रूम, दिल को बाग बाग करता गार्डन आगे पीछे दौड़ता गाडि़यों का काफिला सभी कुछ कपूर की तरह छू हो जाता है।
मंत्री होने के बाद मंत्री न होने की कल्पना मंत्री जी नहीं कर सकते है क्योंकि मंत्री न रहने पर सबसे पहले लाल बत्ती वाली गाड़ी चली जाती है। उसके बाद आस पास ब्रेक डांस करते ब्लैक कैट कमांडो चले जाते हैं। सुरक्षा गार्डो से मंत्री जी के पहुंचने के पहले मंत्री जी का जलवा खिच जाता था चारों तरफ घेरकर चलते कमांडो पुराने राजा-महाराजाओं की याद दिलाकर मंत्री जी की छवि में चार चांद लगा देते थे। वह रौनक मंत्री न रहने पर गधे के सींग की तरह गायब हो जाती है।
मंत्री न रहने के बाद घर पर मिलने वालों की भीड़ खत्म हो जाती है। इक्का-दुक्का मुलाकाती शुरू में हार का भेद भेदने आते हैं उसके बाद वो भी आना बंद कर देते हैं। सुरक्षा कर्मियों का काफिला घटकर एक दो चैकीदार का रूप ले लेता है। मंत्राईन को खुद खाना बनाना पड़ता है। निवास के लिए मिला महलनुमा आलीशान बंगला एक फ्लेट का रूप ले लेता है। नहाना, खाना, पखाना के उक्त अलग अलग कई कमरे गायब हो जाते है। गाड़ी मारूती 800 का रूप ले लेती है।
देश की गरीब जनता के कल्याण के नाम पर होने वाली बड़ी बड़ी शानदार भव्य पाटियाॅ जिनमें मेहमानों की संख्या से ज्यादा प्रकार की साग सब्जी, तरकारी परोसी जाती है और केवल एक-एक निवाला चखा जाता था सब सपनों की बातें हो जाती है।
मंत्रीत्व के दौरान सरकारी पैसों से देशी बीमारी का इलाज विदेशों में कराया जाता है। मंत्री न रहने के नाम देशी डाॅक्टर से ही सैम्पल की दवाएॅं लेकर काम चलाना पड़ता है। ऐजंडे में देश कल्याण के नाम पर जबरदस्ती विदेश यात्राएॅ अवलोकनार्थ जोड़ी जाती थी और फिर जनता के पैसों से विदेश के चरण चूमे जाते थे। लेकिन मंत्री बनने के बाद पड़ोस के गांव की यात्रा भी अपने पैसों से करना संभव नहीं होता है। सरकारी पैसे पर गोवा में फाईव स्टार होटल में कुनबे सहित ऐश करना और रूकने की बात हवा हो जाती है।
व्यक्ति मंत्री बनते ही लो प्रोफाईल से एकदम हाई प्रोफाईल हो जाता है और मंत्री पद जाते ही वह किसी प्रोफाईल में फिट नहीं बैठता है। उसका जी हमेशा कुर्सी की तलाश में भटकता रहता है।
इस प्रकार मंत्री पद जाते ही जेड प्लस सुरक्षा, ब्लेक कैट कमांडो, मुलाकातियों की भीड़, लालबत्ती की रौनक, महलनुमान मकान, आलीशान डाईंग रूम, दिल को बाग बाग करता गार्डन आगे पीछे दौड़ता गाडि़यों का काफिला सभी कुछ कपूर की तरह छू हो जाता है।
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