umesh |
बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यवसायिक जीवन में न्यायिक सेवा से जुड़ने के उपरांत भी श्री गुप्ता सतत् लेखन कार्य कर रहे हैं । लेखन के क्षेत्र में व्यंग्य की विधा मंे सृजनात्मक के प्रति उनकी रूचि उनके व्यक्तित्व की अनूठी मिसाल है । लेखन के साथ-साथ कला के प्रति उनका समपर्ण कितना गहरा व संवेदनशील है वह इस बात से पता चलता है कि आपने भगवान गणेश की 8000 मूर्तियॉ तथा चित्रों के संकलन करने के साथ ही लगभग 200 बांस एंव काष्ठ कलाकृतियों का निर्माण कर इन्हें अपने पास संग्रहित कर रखा है ।
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