Monday, May 20, 2013

रक्षक या सेवक

                           रक्षक या सेवक

हमारे देश में नेता वी0आई0पी0 और बडें अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान की जाती है । जिनकी सुरक्षा में आधुनिक हथियारों से सुस् जित ब्लैक कैट कमांडों तैनात किये जाते है तथा ऐसे रक्षकों से चौकसी कराई जाती है । जिनका काम देश की सीमा की रक्षा करना होता है । इसके विपरीत देश की आम जनता की रक्षा किये जाने हेतु कोई विशेष प्रबंध नहीं किये जाते है । जहां पर सुरक्षा सैनिक तैनात भी किये जाते है । तो उन्हे नाम मात्र के दिखाने के लिए पुराने घटिया स्तर के हथियार दिये जाते है जिसका एक नमूना हम मुंबई कीघटना में देख चुके है ।

हमारे देश में वी0आई0पी0 सुरक्षा पर लगभग 5 सौ करोड रूपये प्रति वर्ष खर्च किये जाते है । अनुमानित आकडों के अनुसार देश में वी0आई0पी0 सुरक्षा प्राप्त लोगों में 90 प्रतिशत राज नेता है । जिसमें से 31 को जेट प्लस 68 लोगों को जेट श्रेणी की और 235 लोगों को वाय श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई इसके अलावा 67 लोगों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

आकडों के अनुसार हमारे देश में एक लााख आबादी सुरक्षा हेतु 122 सैनिक तैनात है अर्थात् 8 हजार लोगो की सुरक्षा केवल एक सैनिक के भरोसे की जाती है । इतना असुरक्षित किसी देश का नागरिक दुनिया में नहीं है ।

वी0आई0पी0 लोगों की सुरक्षा में प्रति वर्ष करोडों रूपये खर्च किये जाते है । एक आतकवादी ग्रस्त राज्य के मुख्य मंत्री के केवल परिवार की सुरक्षा हेतु 10 हजार सैनिक तैनात है । तथा एक वी0आई0पी0 परिवार के चार सदस्यों की सुरक्षा हेतु प्रति वर्ष 150 करोड रूपयें खर्च किये जाते है । जबकि एन एस जी ( राष्टीय सुरक्षा गार्ड) का वार्षिक बजट लगभग 120 करोड रूपयें है । इसी बात से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि राज नेताओं की सुरक्षा पर पैसा पानी की तरह बहाया जाता है ।

जिन व्यक्तियों को जेट प्लस सुरक्षा प्रदान की जाती है । उनकी सेवा में तीन कार लगती है । पहली पायलेट कार में डायवर और तीन सुरक्षा सैनिक आटो मेंटिक हथियारों से लैस रहते है । दूसरी बूलटप्रुफ कार में जिसमें वी0आई0पी0 जाता है । एक डाइवर और एक कमान्डो आधुनिक हथियारों सहित रहता है । और तीसरी कार में एक हेड कास्टेबल करबाईन गन सहित तथा दो सुरक्षा सैनिक 9 एम एम पिस्टल सहित तैनात रहते है ।

इन सुरक्षा सैनिको से एक दिन में तीन शिफटों में काम लिया जाता है । जिनकों जेट प्लस सुरक्षा प्रदान की जाती है । उनके घर पर भी एक महिला और एक पुरूष प्रहरी तैनात रहता है जो आने जाने वालों की तलाशी लेता है । और इन सब पर निगरानी रखने एक अलग अधिकारी की भी डियूटी लगाई जाती है । इस ताम झाम से आप अन्दाजा लगा सकते है कि जेट प्लस सुरक्षा में राजा महाराजाओं की तरह खर्च किया जाता है ।

सुरक्षा सैनिक वी0आई0पी0 की सुरक्षा कम करते है । उसके व्यक्तिगत काम ज्यादा करते नजर आते है । उन्हें नेता जी का सूटकेश उठाकर चलते हुए उनका मोबाइल अटेन्ड करते हुए देखा जा सकता है । उन्हें वी0आई0पी0 की हवाई जहाज, रेल्वे की टिकिट बुक करते हुए देखा जा सकता है । उनकी बीबी बच्चों को पार्क और पिक्चर और माल्स् बाजार में घुमाते हुए देखा जा सकता है ।

आज वी0आई0पी0 सुरक्षा प्राप्त करना एक स्टेट सिंबल माना जाता है । और यह माना जाता है कि जिसे वी0आई0पी0 सुरक्षा प्राप्त होती है । उसे ही समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है । ऐसा हमारे अधिकारियों और नेताओं का सोचना है । यही कारण है कि आवश्यकता ना रहते हुए भी सरकार के द्वारा ऐसे जग प्रसिद्ध लोगो को सुरक्षा प्रदान की गई है ।

हमारे देश में कुछ लोगों की वी0आई0पी0 सुरक्षा में भी हत्या मार पीट भी हुई है उसका यही कारण है कि सुरक्षा सैनिक इनकी सुरक्षा कम उनके सेवक के रूप में व्यक्तिगत काम ज्यादा करते है । इसी कारण कई बार सुरक्षा के बीच में भी नेता जी पीटते नजर आते है । लेकिन अधिकारी और वी0आई0पी0 तथा सुरक्षा सैनिक तीनो इस सुरक्षा व्यवस्था में खुश है । क्योंकि वी0आई0पी0 को सरकारी वेतन पर घरेलू काम करने हेतु कुछ कर्मचारी प्राप्त हो जातें है । और बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए पार्क पिकनिक स्पाट फाइवस्टार होटल में रूतवा झाडने के लिए अलग से कोई कर्मचारी नहीं रखना पडता है । यह सब काम सरकारी स्टेन गन धारी और लाल बत्ती की कार कर देती है । भले ही सुरक्षा सेवक रक्षक कम सेवक ज्यादा नजर आते है । कोई फर्क नहीं पड़ता है । क्योकि सेवको को भी ज्यादा काम नही करना पडता है । घर बैठे ही मख्खन मलाई खाने मिल जाती है । जब सुरक्षा सैनिक, सेवक, रक्षक फ्री में प्राप्त है तो वी0आई0पी इस पर अलग से खर्च करना नहीं चाहते । जबकि हमारे देश की जनता से सरकार करोडों रूपये टेक्स सिर्फ इस उददेश्य से प्राप्त करती है कि जनता को रोटी कपडा मकान और जान की सुरक्षा प्रदान की जायेगी परन्तु ऐसे देश भक्त लोगों के लिए सरकार प्रतिदिन वेतन पाने वाले अप्रशिक्षित नगर सैनिकों की नियुक्ति करती है जो अपने परम्परागत हथियार लाठी डंडा और कई जगह तो केवल अपनी खाकी वेश भूषा पहनकर ही सुरक्षा करते है । जिसका अन्जाम हम देख चुके है । अब समय आ गया है कि इस व्यवस्था में सुधार करे ओर केवल आवश्यक जरूरत मंद व्यक्ति को ही सुरक्षा प्रदान करें । फैशन और स्टेटसिंबल बनाने के उददेश्य से सरकारी धन पर सुरक्षा प्रदान न की जाए ।

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