Wednesday, May 15, 2013

पेट दर्द

                                   पेट दर्द
                         हमें जैसे ही कोई राज पता चलता हैं हमें पेट में दर्द होने लगता है और
राज उगलने हम उचकने लगते हैं और कहीं न कहीं जाकर जुगाली कर ही देते
है। जब तक राज नहीं उगलते हैं बेजा पेट दर्द होता रहता हैं राज हम राज होने
पर ही राज होता है। दूसरे को बताने पर दैनिक समाचार पत्र में छपी ताजा खबर
हो जाता है।
हम किसी व्यक्ति को जितना जोर देकर कहते हैं कि ‘ यह बाजत किसी
को नहीं बताना‘ वह व्यक्ति उतनी ही शक्ति से उस बात को जग जाहिर करता
है। जिस प्रकार नेता हर नये निर्माण कार्य का शिलान्यास अपने हाथों से कर
उसका श्रेय प्राप्त करना चाहते है। उसी प्रकार हम भी किसी नई बात को पहले
जग-जाहिर कर उसका अपश्रेय प्राप्त करते हैं-और घर का भेदी विभिषण कहलाते
है।
किसी बात को राज रखना आदमी के बस की बात नहीं है और औरतें तो
रख ही नहीं सकती हैं। उनके दिमाग में राज घुसते ही जुबान मंे दर्द शुरू हो
जाता है। अकारण पेट कुलबुलाने लगता है और जब तक कहीं उगल नहीं देती हैं
उन्हें शांति नहीं मिलती है।
हमारे देश में पर्दा नहीं है। नेता अधिकारी क्या कर रहे हैं, सब जगजाहिर
है। किसी की आंखों पर पर्दा नहीं पडा है। इसलिये किसी भी राज को गुप्त रखना
हमारे बस की बात नहीं है। सब ओपन टॉप सीक्रेट है। तहलका डॉट काम का
तहलका, आपरेशन चक्रव्हूय, आपरेशन दुर्योधन यही बताता है।
जहां हम दर्द को राज बताना मानव की सबसे बडी कमजोरी है वही
मानवीय संवेदनाओं का मजाक उडाना समाज का मुख्य उद्देश्य है। हर व्यक्ति
नेताओं की तरह लाखों करोडों पचाकर चुप नहीं रह सकता है। चारा खाकर
जुगाली करना जानवर की कमजोरी है। नेताओं से सी.बी. आई. का फन्दा ही राज
उगलवा सकता है। मैंच फिक्सर फिक्सिंग बता सकता है ऐसे कुद अपवादों को
छोड दे तो राज हमराज नहीं रह जाते है।
हम कान में मच्छर की तरह भिनभिनाते ‘किसी से न कहना‘ कहते हैं और
वहीं बात कुछ क्षणों बाद जगजाहिर होकर जग हंसाई का रूप ले लेती है। हम
किसी बात को सार्वजनिक करने में लाभ से अधिक हानि देखते हैं इसलिये उसे
गुप्त रखना चाहते हैं। लेकिन जैसे ही हम अपना पेट दर्द दूर करते है। वह बात
सिर दर्द, रिश्ता तोड, सम्बन्ध उखाड कष्टदायक क्षोभ कारक , सत्राशंदायी बन
जाती है।
लडकी के प्रेमी को उसके मां-पिता को छोडकर सारा मोहल्ला जानता
हैं यह बात प्रेमी-प्रेमिका के लिए टाप ओपन सीक्रेट रहती हैं लेकिन सुबह-सुबह
कुत्ता घुमाने के पीछे क्या राज है यह बात विवाह रजिस्टंार के कार्यालय में
पंजीयन हो जाने के बाद मां-बाप के समक्ष उजागर होती है। लेकिन इस प्रकार के
सुहावने राज कम दिखने को मिलते हैं। अधिकांश पेट दर्द की बलि चढ जाते हैं।
आचार्य चाणक्य की सीख है कि ‘यदि धर्म का नाश हो जाए, मन की शांति
भंग हो जाए, औरत के चरित्रहीन होने का संदेह आग लगा रहा हो तब इन सब
बातों को बुद्धिमान लोगों को दूसरों को नहीं बताना चाहिए। जो यह भूल करते हैं
उनका लोग मजाक उडाते हैं, लेकिन हम ऐसा करते है, और उसके बाद भी
बुद्धिजीवी, गुणी , होशियार कहलाते हैं।
इस पेट दर्द की आचार्य चाणक्य के गुरूमंत्र के अलावा कोई और दवा नहीं
है। जैसे बांबी का पता चलने पर सांप मारा जाता है। उसी प्रकार अपना भेद
हर एक को देने वाले का भी एक दिन नाश हो जाता है। यदि अपनी भलाई चाहते
हो तो मन का भेद किसी को मत दो। यदि इस गुरूमंत्र को गुरू माने तो कम
धोखा खायेंगे। पेट दर्द कम होगा।

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