Monday, May 13, 2013

माँ !

 
मा
जीवन
जीवन पथ्
जीवन दिशा
जीवन सन्देश्
है ।
मा
निश्छल
निर्विकार
निर्सगत
निर्स्वाथ्र्
है।
 
मा
सुख्
पथ्
दिशा
शिक्षा
है।
मा
रमजान का राैजा
इद का मिलाद
मुहर्रम की श्हादत
अल्लाह की इबादत
हे
मा
मीठी
याद,
स्मर्ति
डाट
है
मा
सदमार्ग की सरिता
गु णाे की ख्।न
जीवन रक्षा कवच
ममता की सरगम
हे। 
 
मा
तपन मै ठडक
बरसात मै छतरी
जाडै मै शाल
रेगिस्तान मे जल है .
मा
प्यार की थ्पकी
स्नेह की बाती
लाड की डै।री
दुलार की लै।री
है ।
मा
कबीर की वाणी
साइ की सीख्
गाघी की अहिसा
नानक का सदैश्
इसा की रै।श्नी
महावीर की दीक्षा
है ।

मा
बलि दान की पन्नाधाय
वात्सल्य की यशादा
जीवन की विश्व्।कर्मा
शिक्षा की कुबैर
वीरता की दुर्गा
त्याग् की सीता
पेर्र्र्म की मीरा

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