नई पीढ़ी के व्यंग्यकारों में श्री उमेश कुमार गुप्ता एक प्रखर व्यंग्यकार माने जाते हैं । उन्होने समाज में फैल रही विसंगतियों पर अपनी लेखनी से तीव्र प्रहार किये हैं । ‘‘ वेलेन्टाईनडे कानून’’ उनके ऐसे ही पैने व्यंग्यों का संग्रह है जिसे पढ़कर अपने संस्कारों और संस्कृति से च्युत, कर्तव्यभ्रष्ट दुराचारी,नारी शोषक, अंधविश्वासी, प्र्रपंचियों आदि के चेहरों से नकाब उतर जायेगें । संक्षेप मेें इतना ही कहना चाहूंगा कि इन व्यंग्यों को पढ़कर ही इनका स्वाद चखा जा सकता है ।
Wednesday, May 13, 2009
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